Adhure Khwab| Manish Basistha | Taqi -Hindi Poetry

Опубликовано: 11 Февраль 2025
на канале: MB Creations
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ख़्वाब और हक़ीक़त

ज़िंदगी में सारे ख़्वाब कभी पूरे नहीं होते,
जो ख़्वाब रह गए, वो भी कभी बुरे नहीं होते;

कुछ खोना और कुछ पाना तो लगा रहेगा,
पर कोशिश के रंग कभी अधूरे नहीं होते;

ज़िंदगी की मुस्कुराहटों से रूबरू हो नहीं पाते,
अगर ग़मों की गलियों से कभी गुज़रे नहीं होते;

समझ जाता मैं इन सब बातों को अगर,
हक़ीक़त से टकराकर ख़्वाब बिखरे नहीं होते।

Written by : Manish Basistha
Narrated by: Taqi